Tuesday, November 2, 2010

लघु और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए खादी ग्रामोद्योग ने चलाए विभिन्न कार्यक्रम

सिरसा,(थ्री स्टार): लघु और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए खादी ग्रामोद्योग विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए ग्रामीणों व बेरोजगारों को आय के साधन मुहैया करा रहा है। आयोग की तरफ से लोगों के सामाजिक और आॢथक विकास गांधीवादी प्रणाली को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न मानव उपयोगी कार्यक्रम बनाकर बेरोजगारों को आॢथक सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। खादी ग्रामोद्योग का मुख्य उद्देश्य से सामाजिक और आॢथक रूप से पिछड़े लोगों को आॢथक रूप से समृद्ध करना है। जिला उपायुक्त सी.जी रजिनीकांथन ने बताया कि सरकार ने खादी ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने के लिए और इसके अस्तित्व के 50 वर्षों में लोगों के विकास को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। उन्होंने बताया कि खादी ग्रामोद्योग के उत्पादन न केवल घरेलू बाजार में सराहे जाते है बल्कि उनकी विदेशों में भारी मांग रहती है। ये उत्पाद मानव के लिए अत्याधिक उपयोगी हैं क्योंकि ये पूर्ण रूप से प्राकृतिक उत्पाद होते हैं और इनमें कोई रासायनिक उत्पाद नहीं होता। खादी के सिले-सिलाए तैयार कपड़े आज के युवाओं की पंसद बन चुके हैं और यह आलम है कि हाल ही के वर्षों में डिजाईनर खादी कपड़े पारम्परिक खादी की पौषाकों से आगे निकल गए है। उन्होंने बताया कि खादी कार्यक्रमों के लिए वर्कशेड योजना व अन्य वित्तिय योजनाओं के तहत विभिन्न बेरोजगार लोगों को आर्थिक सहायता देने की कोशिश की गई है और ऐसी आशा है कि खादी के मौजूदा बुनयादी ढ़ाचें को सुदृढ़ बनाने के लिए बेरोजगार व्यक्ति अपना स्वं-रोजगार स्थापित कर सकेंगे। गांव के जरूरतमंद और गरीबों के साथ-साथ यह पैसा पिछड़े और कमजोर वर्गों के लोगों को स्वं-रोजगार स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। ये ऋण पी एम ई0जी0पी0 अर्थात प्रधानमंत्री सृजन कार्यक्रम योजना के तहत दिये जाते हैं। इसमें उत्पादन क्षेत्र के लिए अधिकतम 25 लाख रुपए तथा सर्विस क्षेत्र के लिए अधिकतम 10 लाख रुपए ऋण के रुप में दिए जाते है। प्रार्थी को लिए विनिर्माण के लिए 10 लाख से अधिक ऋण प्राप्त करने के लिए और सर्विस क्षेत्र में पांच लाख से अधिक ऋण प्राप्त करने के लिए आठवीं पास होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र से जुड़े लोगों की भावना, लग्न और उर्जा ने ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को रोजगार दिलाने का एक भला कार्य किया है। उन्होंने बताया कि विगत 2010-11 तक करीब 24 केसो का लक्ष्य प्रदान किया गया है जिसमें 28.26 लाख रुपए सब्सिडी के रुप में सम्मिलत है। इस लक्ष्य के बदले बैंकों द्वारा अब तक कुल 9 केसों में 36 लाख रुपए की सहायतार्थ राशि स्वीकृत की जा चुकी है जिनमें 12.30 लाख रुपए सब्सिडी के सम्मिलत है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत 35 लाभार्थियों को प्रशिक्षण भी प्रदान करवाया गया है।

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