कांडा की अगुवाई में कपास प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से मिला, आधा प्रतिशत फीस घटाई गई
सिरसा,(थ्री स्टार): प्रदेश के व्यापारी एवं किसानों के हितों को मद्देनजर रखते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश में कपास की बिक्री पर मार्किट फीस और एचआरडीएफ फीस को आधा-आधा प्रतिशत घटा दिया है। हरियाणा के गृह, उद्योग एवं खेल राज्यमंत्री गोपाल कांडा ने हरियाणा कॉटन जीनिंग मिल एसोसिएशन द्वारा रखे गए इस सुझाव को मुख्यमंत्री हरियाणा के समक्ष रखा जिससे किसानों और व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शुरु में ही स्वीकृति प्रदान की है। इस निर्णय के संबंध में जरुरी औपचारिकताएं भी शीघ्र पूरी कर ली गई है। गृह, राज्यमंत्री गोपाल कांडा ने इस आशय की जानकारी देते हुए कॉटन मिल एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल को बताया कि यह व्यापारियों व किसानों के लिए खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने व्यापारी व किसान हितैषी यह निर्णय लेकर जता दिया है कि वे छत्तीस बिरादरी के लोगों का हित चाहते है। इसी कारण से निरन्तर मुख्यमंत्री की लोकप्रियता के ग्राफ में इजाफा हो रहा है। उन्होंने कहा कि मिल एसोसिएशन प्रतिनिधि मंडल को मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मिलवाया जाएगा जिससे प्रतिनिधि मंडल अपनी अन्य मांगों पर भी खुलकर बातचीत कर सके। उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय से किसानों और व्यापारियों को करोड़ों रुपए का लाभ होगा, दूसरी और हरियाणा की मंडियों में कपास की आवक बढ़ेगी और अन्य प्रदेशों को जाने वाली कपास प्रदेश की मंडियों में बिक पाएगी जिससे हरियाणा सरकार की मार्केट फीस में भी बढ़ौतरी होगी। हरियाणा कॉटन जीनिंग मिल एसोसिएशन के प्रधान श्री सुशील मित्तल ने बताया कि हरियाणा में 60 लाख क्विंटल के लगभग कपास उत्पादन का अनुमान है। इस समय किसानों को उनके उत्पाद का अच्छा मूल्य मिल रहा है। यानी 4200-4300 रुपए प्रति क्विंटल भाव मिल रहा है जिससे किसानों को 190 रुपए प्रति क्विंटल मार्केट फीस और एचआरडीएफ वहन करना पड़ रहा है। सरकार द्वारा लिए गए उपरोक्त किसान व व्यापारी हितैषी फैसले से किसान को उनके कपास उत्पाद का भाव और अच्छा मिलेगा और किसान को खर्चा भी कम देना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि इस निर्णय से एक और जहां किसान व व्यापारी को फायदा होगा वहीं दूसरी और सरकार के वैट में भी वृद्धि होगी जिससे सरकार का राजस्व बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि सिरसा जिला जो कपास उत्पादन में पूरे हरियाणा का सिरमौर जिला है। इस जिले में पूरे प्रदेश में पैदा होने वाली कपास का 40 प्रतिशत हिस्सा सिरसा में पैदा होता है। इसलिए सरकार के इस कल्याणकारी निर्णय से सिरसा के किसानों और व्यापारियों को और अधिक लाभ होगा और कॉटन मिल व्यवसाय में इजाफा होगा। अकेले सिरसा जिला में इस वर्ष तीन लाख से भी अधिक गाठों का उत्पादन होने की संभावना है जिससे कपास का उत्पादन 12 लाख क्विंटल तक होगा। इससे किसानों और व्यापारियों को करोड़ों रुपए का मुनाफा होगा जिससे किसानों की दीवाली और अधिक चमकदार हुई है। सरकार की इस घोषणा का स्वागत करते हुए हांसी के कपास व्यापारी सतपाल, कालांवाली के सुरेश गोयल, आदमपुर के सतीश मित्तल तथा ऐलनाबाद के विनोद ने इसे किसान और व्यापारी हित में बताया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कपास की बिक्री पर एचआरडीएफ और मार्केट फीस घटाने में पंजाब व राजस्थान की कपास का ज्यादा हिस्सा राज्य की मंडियों में आएगा जिससे निश्चित रुप से हरियाणा में वैट में बढ़ौतरी और प्रदेश का राजस्व बढ़ेगा।
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