Friday, March 4, 2011

साहित्यकार भण्डारी हुए आई.ए.एस. अधिकारियों द्वारा सम्मानित

सिरसा,(थ्री स्टार): आई.ए.एस. रिटायर्ड ऑफिसर्ज एसोसिएशन चण्डीगढ़ की ओर से नगर के प्रतिष्ठित साहित्यकार एवं हरियााणा सरकार द्वारा 'हरियाणा पंजाबी गौरव पुरस्कार 2010Ó से अलंकृत सुखचैन सिंह भंडारी को गत दिवस चण्डीगढ़ के पंजाब विश्वविद्यालय स्थित क्वालिटी रेस्टोरेंट के सभागार में सम्मानित किया गया। इस अवसर पर एसोसिएशन के कनवीनर एवं मंच संचालक रिटायर्ड आई.ए.एस. श्री आर.के. तनेजा ने श्री भंडारी को बुके भेंट कर उनके पचास वर्षीय लम्बे साहित्यिक सफर एवं उनके द्वारा प्राप्त राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक सम्मानों और पुरस्कारों के बारे में उपस्थित सदस्यों को अवगत कराया जिसका तालियों की भरपूर गडग़ड़ाहट से स्वागत किया गया। तत्पश्चात सुखचैन सिंह भंडारी ने पंजाबी, हिन्दी और मुल्तानी भाषाओं में अपनी कविताओं का प्रस्तुतिकरण किया जिसकी प्रौढ़ आई.ए.एस. अधिकारियों ने जम कर तारीफ की। तत्पश्चात श्री भंडारी ने अपनी चर्चित कहानी 'हंसी के जख्म' का नाटकीय ढंग से पठन किया जिसके बारे में पंजाब की भूतपूर्व आई.ए.एस. अधिकारी श्रीमती रूपण दयोल बजाज ने मंच पर अपने सम्बोधन के दौरान कहा कि यह कहानी आज की मानवीय मनोस्थिति पर एक करारा व्यंग्य है। इसके साथ-साथ कहानी में श्री भंडारी के कहने का अंदाज भी श्रोताओं पर एक गहरी एवं अमिट छाप छोड़ता है। इसी के साथ ही उन्होंने अपने सम्बोधन में श्री भंडारी की मुल्तानी कविताओं का जिक्र करते हुए कहा कि श्री भंडारी ने जिस खूबसूरत अंदाज में खासकर मुल्तानी कविताओं का जो प्रस्तुतिकरण किया है वह उन्होंने पहली बार देखा और सुना है। इसके पश्चात रूपण दयोल बजाज ने भी मुल्तानी भाषा में अपने हास्य-रस का एक शेयर पेश किया। अंत में एसोसिएशन के कनवीनर द्वारा सुखचैन सिंह भंडारी को स्मृति चिन्ह देकर उन्हें सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में चण्डीगढ़, पंचकूला एवं मोहाली से पचास से अधिक प्रौढ़ आई.ए.एस. अधिकारियों ने भाग लिया।

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