Tuesday, February 14, 2012

हैवान को इंसान और इंसान को भगवान बनाता है धर्माचरण: अनुपम मुनि

सिरसा,(थ्री स्टार): धर्माचरण मनुष्य को बुरी प्रवृतियों से बुरे भाव तथा मन से बचाता है। उपरोक्त शब्द श्री अनुपम मुनि जी म: सा: जैन सभा में आयोजित धर्मसभा के छठे दिन आए श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहें। मुनि जी ने कहा कि जो मनुष्य अशुभ प्रवृति, भाव, मन तथा वाणी से बचाता है, वह संसार के दु:खों से बचता है और एकांत स्वर्ग का अधिकारी बनता है। उन्होने कहा कि धर्माचरण हैवान को इंसान और इंसान से भगवान बनाता है। धर्म सदा हितकारी और कल्याणकारी है तथा धर्म गिरतों को उठाता है, डूबतों को तैराता है, मरतों को बचाता है और डरतों को अभय एवम् निडऱ बनाता है। मुनि जी ने धर्मसभा के अंत में कहा कि धर्माचरण से हिंसक भी अहिंसक बन जाता है तथा दुराचारी से सदाचारी हो जाता है। इस मौके पर जैन सभा के प्रधान संदीप जैन भाबू, जैन महिला मंडल, जैन युवा मंडल, जैन तरूणी मंडल, जैन सभा के सभी पदाधिकारी एवम् कार्यकर्ता, वंश जैन सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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